कोरबा। 14 जून 2025 को नगर निगम द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के श्री पी एन राय जो लगभग 76 साल के है ,उनके आवास पर बुलडोजर और जेसीबी मशीनों से तोड़फोड़ की गई। इस कार्रवाई में श्री राय और उनकी पत्नी शिप्रा राय को भारी मानसिक आघात पहुँचा और उनके घर के सामानों को भी नुकसान पहुँचा।
श्री राय दंपति ने निगम अधिकारियों को कई बार समझाने की कोशिश की कि यह मामला अभी अदालत में लंबित है और जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता, कोई भी तोड़फोड़ अवैध मानी जाएगी। इसके बावजूद निगम अधिकारियों ने दंपति की बात नहीं सुनी और घर के आंगन के दोनों ओर की दीवारें तोड़ दी गईं। साथ ही, ऊपर की छत पर लगे शेड और सीसीटीवी कैमरों के तार भी उखाड़ दिए गए।
राय दंपति ने अधिकारियों से कार्रवाई से संबंधित लिखित आदेश की मांग की, लेकिन निगम अधिकारियों ने कोई पत्र देने से इनकार कर दिया। इस दौरान उनके घर के बगल में लगे ठेले को भी क्षति पहुँचाई गई।
शिप्रा राय ने बताया, “हमने बार-बार निवेदन किया कि जब मामला कोर्ट में चल रहा है, तब कृपया तोड़फोड़ रोक दीजिए। लेकिन हमें साफ कहा गया कि यह कलेक्टर के आदेश से हो रहा है। कोई कागज तक नहीं दिखाया गया।”
यह संपूर्ण प्रकरण तब और विवादित हो गया जब यह स्पष्ट हुआ कि निगम की यह कार्रवाई एक ऐसे संपत्ति विवाद पर की गई, जो न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में बिना न्यायिक अनुमति के की गई यह कार्रवाई न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा के भी विरुद्ध है।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए संबंधित निगम अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब तक कोर्ट का आदेश न हो, तब तक किसी भी संपत्ति पर इस प्रकार की हिंसात्मक कार्रवाई पूरी तरह से गैरकानूनी है।
हम इस विषय पर जिला प्रशासन और नगर निगम से औपचारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं।