1977 में प्रक्षेपित नासा के ऐतिहासिक अंतरिक्ष यान वॉयजर 1 और वॉयजर 2 ने एक अभूतपूर्व खोज की है, जिससे वैज्ञानिकों को हमारे सौर मंडल की सीमाओं के बारे में एक नई जानकारी मिली है। इन यानों ने सौर मंडल के किनारे से परे एक ऐसे क्षेत्र की पहचान की है, जिसे वैज्ञानिकों ने एक उच्च-तापमान वाले क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है और इसे उपनाम दिया है, “फायरवॉल”।
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इस नए क्षेत्र का अध्ययन अब वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस खोज से सौर मंडल की सीमा और अंतरतारकीय तथा सौर अंतरिक्ष के बीच के चुंबकीय संबंधों की नई समझ विकसित हो सकेगी। यह खोज हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि हमारा सौर मंडल कैसे और कहाँ खत्म होता है और अंतरतारकीय अंतरिक्ष कैसे शुरू होता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि वॉयजर यान को चार दशक से भी पहले ऐसे समय में प्रक्षेपित किया गया था, जब आज के उन्नत तकनीक और इंटरनेट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं थीं। फिर भी, वे अपने मिशन पर अडिग हैं और अभी भी पृथ्वी पर डेटा भेज रहे हैं, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इतिहास में एक अद्वितीय उपलब्धि है।