नई दिल्ली : पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के चश्मदीद ने जांच एजेंसियों के सामने चौंकाने वाले बयान दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस प्रमुख गवाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बताया कि हमले के बाद तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने जश्न में चार राउंड हवाई फायरिंग की थी। NIA ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से इस स्थानीय व्यक्ति का पता लगाया, जिसे अब “स्टार प्रोटेक्टेड विटनेस” का दर्जा दिया गया है। हमले के कुछ ही मिनटों बाद वह आतंकियों से आमना-सामना कर बैठा।
एक रिपोर्ट में जांच अधिकारी के हवाले से कहा, “गवाह ने बताया कि आतंकियों ने उसे रोका और कलमा पढ़ने को कहा। जब उसने स्थानीय कश्मीरी लहजे में पढ़ना शुरू किया तो उन्होंने उसे छोड़ दिया और तुरंत चार राउंड हवा में फायर किए।” गवाह के बयान के आधार पर घटनास्थल से चार खाली कारतूस बरामद किए गए हैं, जो उस जश्न के फायरिंग से जुड़े हैं।
इसके अलावा, गवाह ने यह भी बताया कि उसने स्थानीय आरोपी परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद को एक पहाड़ी के पास खड़ा देखा, जहां वे आतंकियों का सामान संभाले हुए थे। बाद में आतंकी वही सामान लेकर वहां से निकल गए।
हमले की योजना कैसे बनी?
पिछले महीने NIA ने परवेज और बशीर को आतंकियों को शरण देने और सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि 21 अप्रैल को दोपहर 3:30 बजे तीनों पाकिस्तानी आतंकी परवेज के घर आए थे। उन्होंने चार घंटे तक इलाके की सुरक्षा व्यवस्था, पर्यटक स्थलों, मार्गों और समयसारिणी की जानकारी ली। जाते समय उन्होंने परवेज की पत्नी से मसाले और चावल पैक करवाए और 500 के पांच नोट दिए। इसके बाद वे बशीर से मिले और उन्हें 22 अप्रैल को दोपहर 12:30 बजे वहां पहुंचने को कहा।
सूत्रों का कहना है कि इस हमले में शामिल एक आतंकी की पहचान सुलेमान शाह के रूप में की गई है, जो पिछले साल एक सुरंग परियोजना में काम कर रहे 7 कर्मचारियों की हत्या में भी शामिल था। NIA अब इस हमले के पीछे के संपूर्ण नेटवर्क, स्थानीय मददगारों और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के कनेक्शन को लेकर विस्तृत जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ाव की पुष्टि पहले ही हो चुकी है।