कोरबा – कोरबा में मानसून के दस्तक को मौसम बदलने की वजह से एनटीपीसी कोरबा के राखड़ डैम से उड़ने वाली राख से परेशान ग्रामीण 3 दिनों से शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। इन ग्रामीणों ने 5 जून को राखड़ बांध का काम रोकने का ऐलान किया है। एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन के खिलाफ डैम से प्रभावित लोगों ने मोर्चा खोल दिया है, जो आसपास गांवों में निवास कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से राखड़ बांध के पास टेंट के लगाकर धरने पर बैठे हैं। इनकी मांगों को अनसुना करने से ग्रामीणों ने 5 जून को राखड़ बांध का काम रोकने का निर्णय भी लिया है। ग्रामीणों ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन ने धनरास गांव में राखड़ बांध का निर्माण करने धनरास समेत आसपास गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। प्रभावित किसानों से कई वादे किए गए थे, जिसे पूरी नहीं करने से अब छला महसूस कर रहे हैं। किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन एनटीपीसी प्रबंधन के साथ समझौते व शर्त के आधार पर दिया था। जिसे अब एनटीपीसी प्रबंधन नहीं निभा रही है। 5 जून को काम रोको आंदोलन करेंगे। डैम से राखड़ उड़ने से धनरास, पुरैनाखार, छुरीखुर्द, झोरा, घोरापाठ, घमोटा और लोतलोता के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। कहा डैम गांवधनरास राखड़ डैम के पास धरने में शामिल महिलाएं ।
प्रबंधन व प्रभावितों के बीच
हुए समझौते पर अमल नहीं समेत गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना रहा। मगर इसे अमल में नहीं लाया गया। डैम से राखड़ की हो रही सीपेज से कृषि योग्य भूमि दलदल बन गई है। कई किसान धान की फसल नहीं ले पा रहे हैं। राखड़ डैम से प्रभावित ग्रामीणों ने कि 28 अक्टूबर 2024 को एनटीपीसी प्रबंधन ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में राखड़ से प्रभावित ग्रामीणों के बीच समझौता किया था, जिसमें घमोटा के विस्थापितों को रोजगार 7 सूत्रीय मांगों के पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा
धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि 7 सूत्रीय मांगों के पूरी नहीं होने तक आंदोलन आगे भी जारी रखेंगे। राखड़ उड़ने की परेशानी से निजात दिलाने, प्रभावित परिवारों के बेरोजगार युवाओं को राखड़ में प्रभावितों के वाहनों को किराए पर रखने, पूर्व की तरह राखड़ उड़ने से प्रभावित ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति राशि देने समेत अन्य मांगें शामिल हैं। क्षेत्र के निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि भी आंदोलन में शामिल हुए। आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि यह मांग काफी लंबे समय से की जा रही है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल रहा है इसके चलते प्रदर्शन करना पड़ा। इस प्रदर्शन में महिलाएं पुरुष समय बच्चे भी शामिल है। वही आंदोलन की सूचना पर कटोरा विधायक प्रेमचंद पटेल भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि ग्रामीण जो मांग कर रहे हैं वह जायज है इस पर संबंधित विभाग को ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है।