गांव में हाथियों के झुंड द्वारा फसलों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन अब तक ग्रामीणों को संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी नियमों के तहत यदि इमारती लकड़ी को नुकसान होता है या हाथियों के हमले से खेतों और घरों को क्षति पहुंचती है, तो वन विभाग की ओर से क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है। लेकिन इस मामले में नुकसान का आकलन और मुआवजे की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं की गई है।
पीड़ित किसानों का आरोप है कि हाथियों ने उनकी फसलें बर्बाद कर दीं और कई पेड़ों को नुकसान पहुंचाया, जिससे हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। इसके बावजूद अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि वन विभाग तुरंत नुकसान का सर्वे कर उचित मुआवजा उपलब्ध कराए, ताकि किसानों और ग्रामीणों को राहत मिल सके।