बालोद, पानी, जो जीवन का आधार है, आज बालोद जिले में मुनाफ़ाखोर व्यापारियों के लालच का शिकार बन रहा है। रिवर्स ओसमोसिस (आरओ) और अल्ट्रा वॉयलेट (यूवी) तकनीक वाले वाटर प्यूरीफायर की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, यह सवाल गहराता जा रहा है कि क्या वास्तव में शुद्ध पानी मिल रहा है या लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है? बालोद के ग्राम सांकरा (क) के पास स्थित “ओस जल” नामक मिनरल वाटर प्लांट में सामने आई गंभीर अनियमितताओं ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है।
पिछले माह 28 तारीख को ग्रामीणों की शिकायत पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस प्लांट में जांच की थी, जिसमें कई खामियां पाई गई थीं। प्लांट को सुधार के लिए सख्त हिदायत दी गई थी और पानी के सैंपल लैब भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि विभागीय कार्यवाही के बावजूद फैक्ट्री द्वारा कोई सुधार नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई।
मीडिया टीम के मौके पर पहुंचने और स्थिति का जायजा लेने के बाद, खाद्य विभाग की टीम ने एक बार फिर “ओस जल” प्लांट पर जांच की। बालोद जिले के कुछ हिस्सों में पीलिया और डायरिया जैसी जलजनित बीमारियों के बढ़ते मामलों के बीच यह लापरवाही और भी गंभीर हो जाती है, जहां स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को साफ और सुरक्षित पानी पीने की सलाह दे रहा है।