छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई पहल के तहत राज्य के राशन कार्डधारकों को तीन माह का चावल एक साथ वितरित किया जा रहा है। यह निर्णय “चावल उत्सव” योजना के अंतर्गत लिया गया है। हालांकि, इससे कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इसके बाद चावल नहीं मिलेगा, या सरकार किसी बड़ी नीति में बदलाव करने जा रही है?
तो आखिर सरकार तीन महीने का चावल एक साथ क्यों दे रही है सरकार का कहना है कि यह कदम जनता की सुविधा, वितरण प्रक्रिया की पारदर्शिता, और चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। जून से अगस्त के बीच राज्य में भारी बारिश होती है, जिससे राशन वितरण बाधित हो सकता है। ऐसे में पहले से तीन महीने का राशन देने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को समय पर खाद्यान्न मिल जाए। मुख्य वजह यह भी है की बारिश के कारण कई ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में राशन पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। गोदामों में जगह की कमी और नमी से चावल खराब होने की शिकायतें सामने आई हैं। तीन बार की बजाय एक बार राशन लेने से गरीब परिवारों को समय की बचत होगी। साथ ही बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के ज़रिये पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।
तीन माह बाद पुनः हर महीने मिलेगी चावल
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक अस्थायी उपाय है। तीन महीने के बाद अगला वितरण फिर सितंबर में किया जाएगा। यह योजना केवल वितरण को सरल और व्यवस्थित बनाने के लिए लागू की गई है, न कि राशन बंद करने के लिए। हालांकि सरकार के प्रयास सराहनीय हैं, परंतु कई जिलों में वितरण अभी तक पूरी तरह नहीं हो सका है। कुछ जगहों पर ई-पॉस मशीनों के अपडेट में देरी और गोदामों की बदहाल स्थिति के कारण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही कुछ जगहों से घटिया चावल की शिकायतें भी सामने आई हैं। राज्य के खाद्य मंत्री और अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। चावल वितरण नियमित रूप से होता रहेगा। किसी भी प्रकार की शिकायत होने पर स्थानीय अधिकारियों या हेल्पलाइन से संपर्क करें। तीन माह का राशन एक साथ देने का उद्देश्य आपूर्ति में सुधार, बारिश के प्रभाव से सुरक्षा और वितरण में पारदर्शिता लाना है। यह कोई स्थायी बदलाव नहीं है बल्कि वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक व्यावहारिक समाधान है।