कोरबा, छत्तीसगढ़ — जिले के कुदमुरा ग्राम में झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियाँ दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। बिना किसी चिकित्सा डिग्री और पंजीयन के इलाज कर रहे तथाकथित “डॉक्टर” राजेश शर्मा के खिलाफ पहले भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया, लेकिन इसके बावजूद न तो उसकी अवैध गतिविधियाँ रुकीं और न ही प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई की।
जानकारी के अनुसार, राजेश शर्मा नामक व्यक्ति कुदमुरा में लंबे समय से क्लिनिक संचालित कर रहा है और घर-घर जाकर भी इलाज की सेवा दे रहा है। यह सब बिना किसी वैध डॉक्टरी डिग्री या रजिस्ट्रेशन के किया जा रहा है, जो स्पष्ट रूप से कानून और स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है।
पटाडी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा उक्त झोलाछाप डॉक्टर को पहले ही नोटिस (पत्र क्रमांक: एन.एच.ए/2024/1614) जारी किया गया था। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी कोरबा और स्वास्थ्य अधिकारी जिला कोरबा को भी पत्र क्रमांक एन.एच.ए./2024/9085 के माध्यम से सूचित किया गया, फिर भी आज तक किसी प्रकार की विधिसम्मत कार्रवाई नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे अवैध चिकित्सकीय कार्यों के कारण क्षेत्र में मरीजों की सामान्य स्थिति गंभीर हो जाती है और कभी-कभी असामयिक मृत्यु भी हो रही है। हाल ही में बिलासपुर बेलगिनी में एक दर्दनाक घटना घटी थी, जहाँ 14 और 13 वर्ष की उम्र के दो किशोर-किशोरी की मृत्यु हो गई थी — ऐसी घटनाएँ स्पष्ट रूप से बताती हैं कि अवैध डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।