पाली कोरबा हमारी संस्कृति भाषा रीति रिवाज परम्परा को रक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा आइए हम सब एक दूसरे के साथ मिलकर एक बेहतर भविष्य का निर्माण करें धरती से गहरा नाता है जंगल जिनकी जान अदभुत है आदिवासी जीवन सादा मगर महानविश्व आदिवासी दिवस के मौके पर शनिवार को कोरबा जिले के पाली में आदिवासी समाज ने अपनी एक जुटता और ताकत का ऐतिहासिक प्रदर्शन किया आयोजन स्थल पर सुबह से ही पारंपरिक बेस भूषा और झंडों के साथ समाजजन पहुंचने लगे देखते ही देखते पाली मैदान में हजारों में हजारों लोगों की संख्या में भाइयों बहनों से पूरा मैदान भर गया अनुमान है कि बीस से तीस हजार से अधिक की संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गोगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम ने शिरकत की इस अवसर पर आदिवासी समाज के विभिन्न संगठन युवा मंडल महिला मंडल और संस्कृति दल भी मौजूद रहे*विशाल रैली और पारंपरिक नृत्य*
कार्यक्रम के तहत एक विशाल रैली का आयोजन हुआ जिसमें आदिवासी समाजजन ने ढोल मांदर निशान की थाप पर पारंपरिक नृत्य करते हुए आगे बढ़ते रैली के दौरान आदिवासी समाज ने पुलिस और प्रशासन से शराब बंद को लेकर नारे लगाए समाज के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि आदिवासियों की परंपरा संस्कृति और जीवन शैली को संरक्षित करना सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी हैविश्व आदिवासी दिवस हर साल नौ अगस्त को दुनिया भर में मनाया जाता हैं इस की शुरुआत वर्ष 1994, में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी ताकि मूल निवासी और आदिवासी और समुदायों के अधिकारों संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा सुनिश्चित की जा सके यह दिवस आदिवासी समाज के लिए अपनी परंपराओं इतिहास के लिए और अधिकारों को याद करने और आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने का अवसर होता हैं
गौतम कुमार राज रिपोर्टर एस एन इंडिया न्यूज
संयुक्त राष्ट्र ने इन दिन को इंटरनेशनल डे ऑफ द वल्ड इंडिजिनियस peopel के रूप में मान्यता दी है दुनिया के अलग अलग हिस्से में विशेष कार्यक्रम चर्चाएं रैलियां और संस्कृति आयोजन किया जाता हैं*आदिवासी समाज का संदेश*, गौतम कुमार राज रिपोर्टर एस एन इंडिया न्यूज
पाली में हुई इस आयोजन से आदिवासी समाज ने यह संदेश दिया कि वे अपनी पहचान और अधिकारों के लिए हमेशा एक जुट रहेंगे वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार और संस्कृति संरक्षण के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे