कोरबा/पाली:- बारिश और उमस भरी गर्मी के कारण लोग ऐसे ही परेशानी में है, ऊपर से बिजली की किल्लत कोढ़ में खाज साबित हो रहा है। सरकारी दावों के विपरीत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति की हालत दिनों- दिन खराब होते जा रही है। जिससे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। बिजली की दयनीय स्थिति के कारण घरों में लगे लाइट, कूलर, पंखे सहित अन्य विद्युत उपकरण उपभोक्ताओं को मुंह चिढ़ाते नजर आते है। बिजली आपूर्ति की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मोबाइल चार्ज भी नही हो पा रहा है। नगर के बिजली की अनेको बार आवाजाही और कटौती हो रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से छह घण्टे भी बिजली नही मिल पा रही है। कई बार तो गांवों में दिन- रात इसके दर्शन नही होते। लोगों का कहना है कि विद्युत अधिकारियों- कर्मचारियों की मनमानी चरम पर है। कोरबा के विद्युत उत्पादन और कोयला से दूसरे राज्य जगमगा रहे है। परंतु खुद जिले के लोग अंधेरे में रहने को विवश है। इस लचर व्यवस्था के कारण बच्चों की पढ़ाई लिखाई, व्यवसाय प्रतिष्ठान पर भारी नुकसान पहुँच रहा है। खासकर उमस भरी गर्मी के कारण बच्चे एवं बुजुर्ग ज्यादा परेशान है। चौबीस घण्टे की जगह क्षेत्र के लोगों को दस से बारह घन्टा ही ठीक से बिजली मिल पा रही है। आए दिन ब्रेकडाउन, फाल्ट एवं डिस पंचर के नाम पर अघोषित बिजली कटाई हो रही है। मेंटनेंस के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जबकि बिजली का बिल देखकर उपभोक्ताओं के बिजली गुल और नींदें उड़ जा रही है। बिजली पर सारे सरकारी दावे यहां खोखले साबित हो रहे है और लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। विद्युत आपूर्ति की कोई समय सीमा नही रह गया है। कब आपूर्ति मिलेगी और कब बाधित रहेगी यह कहना मुश्किल हो गया है। विभाग द्वारा इसकी कोई समय सीमा निर्धारित नही की गई है। ऐसे में उपभोक्ताओं का पारा चढ़ रहा है तथा उनका कहना है कि भारी- भरकम बिजली का बिल देकर पूरे पैसे वसूल कर नगण्य सेवा प्रदान की जा रही है। उपभोक्ताओं में आक्रोश पनपने लगा है और उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा है कि यदि बिजली की समस्या का जल्द समाधान नही किया गया तो महा आंदोलन किया जाएगा