कोरबा अविभाजित मध्यप्रदेश से ही बालको में आदर्श बाल मंदिर का संचालन हो रहा है। अब आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल हो गया है। यह स्कूल शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त संस्था है। जिसका संचालन बालको शिक्षण समिति करती है। शिक्षण समिति के माध्यम से अपनों को लाभ पहुंचाने के लिए स्कूल को अखाड़ा बना दिया गया है। जिसका खामियाजा वहां के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ को भुगतना पड़ रहा है। यही नहीं इसका असर वहां पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ता है। यहां बताना होगा कि एक साल पहले तक इस स्कूल का कामकाज ठीक ठाक चल रहा था।
कुछ माह पहले समिति की नई कार्यकारिणी बन गई। जिसमें आरोप लग रहा है कि बैठक में अनुपस्थित जिला शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों से उनके घर जाकर हस्ताक्षर कराकर उनकी सहमति ले ली गई और इसकी जानकारी उप पंजीयक के समक्ष देकर समिति का मनोनयन कर लिया गया। वहीं नई समिति के पदाधिकारियों ने संस्था के प्राचार्य बीएल चंद्रा की जगह पुरुषोत्तम कर्ष को प्राचार्य बना दिया। शिक्षा विभाग का कहना है कि किसी भी संस्था में वरिष्ठ के होते हुए जूनियर को प्राचार्य नहीं बनाया जा सकता। जिसे लेकर वहां कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई और विवाद के चलते स्टाफ का 3 माह का वेतन ही रुक गया है।
दो प्राचार्यों के बीच द्वंद्व से स्टाफ परेशान आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल बालको (आदर्श बाल मंदिर) में अभी दो प्राचार्य हैं। एक बीएल चंद्रा तो दूसरे हैं पुरुषोत्तम कर्ष। बीएल चंद्रा वरिष्ठता के अनुसार हैं तो पुरुषोत्तम कर्ष को नई संचालन समिति ने प्राचार्य बनाया है। दोनों अलग-अलग कक्ष में रजिस्टर पंजी रखते हैं। वहां पदस्थ स्टाफ को दोनों ही रजिस्टर में हस्ताक्षर करने मजबूर होना पड़ रहा है। जिला शिक्षा विभाग के अनुसार बीएल चंद्रा ही प्राचार्य हैं, जबकि कर्ष की नियुक्ति समिति ने गलत तरीके से की है।
प्राचार्य बदलने का निर्णय गलत: डीईओ उपाध्याय ^ डीईओ टीपी उपाध्याय ने कहा कि आदर्श बाल मंदिर का संचालन बालको शिक्षण समिति करती है। वेतन के लिए जो देयक पत्र मिला है वह नई समिति ने दी है। समिति ने नए प्राचार्य की अनुशंसा से देयक प्रस्तुत किया जो गलत है। किसी समिति को संस्था के प्राचार्य को हटाने का अधिकार नहीं है। यही कारण है कि नई समिति के देयक को अभी तक रोका गया है। दोनों पक्ष की ओर से मामला न्यायालय में है। ऐसे में भुगतान का आदेश देना न्यायसंगत नहीं होगा। पंजीयक से मार्गदर्शन मांगा गया है।