कोरबा 18 जुलाई 2025 को जिले के अंतर्गत भुविस्थापित रोजगार एकता महिला किसान कुसमुंडा के महिलाओं ने आज फर्जी नौकरी को लेकर अर्धनग्न/अनिश्चित कालीन भूख हड़़ताल बैठ गए है,उनका कहना है,कि भुविस्थापितो का लंबित रोजगार प्रकरण कॉफी लंबे समय से रुका हुआ हैं, जिस पर आवेदन – निवेदन करते करते कई वर्ष गुजर चुका है। लेकिन भुविस्थापितों का यह रोजगार प्रकरण में अभी तक कोई सुधार नही हैं। और इनके जमीनों पर ( भुविस्थापित के स्थान पर )कोई दूसरे लोग फर्जी दस्तावेज बनवाकर इनका नौकरी कर रहे है।इनका कहना है,कि फर्जी तरीके नौकरी कर रहे व्यक्तियों को हटाकर असली वारिस को रखने के लिए कई बार आवेदन भी दिया गया है। और निवेदन किया गया है। लेकिन इस प्रकरण में भी एस ई सी एल के अधिकारियों द्वारा हमे गुमराह किया जाता है।और कोई उचित जवाब नहीं दिया जाता इसलिए हम समस्त भुविस्थापितों के साथ अपनी मांगे पूरी होने तक अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल के लिए मजबूर हैं। आपको बता दें कि कुसमुंडा खदान क्षेत्र के प्रभावित महिला परेशान है, उनका कहना है कि हम अपना जमीन दिए हैं,और उसके बदले में हमारा नौकरी लगना था,लेकिन नौकरी भी नहीं लगा पाया एस ई सी एल के द्वारा हमे लगातार गुमराह किया जा रहा है। हमने कई बार हड़ताल कर अपने मांगों को रखा है लेकिन शासन – प्रशासन व एस ई सी एल महाप्रबंधक,सीएमडी, डी जे एम एस,विजिलेंस हमारे मांगों को लेकर कोई ध्यान नहीं देते है।क्या न्यूज के माध्यम से उन्हे पता नहीं चलता है,जिससे परेशान होकर आज हम मजबूर हो गए हैं कि कपड़े उतारना पड़ा, परेशान महिलाओं ने कहा कि शासन – प्रशासन को हमसे कोई मतलब नहीं एस ई सी एल के अधिकारी इतने बेशर्म हो गए हैं कि महिलाओं के प्रति इनके मन में कोई इज्जत नहीं है। महिला बोले की इन सभी को चुल्लू भर पानी में डूब मारना चाहिए आपको बता दे ऐसी खबर लगातार न्यूज के माध्यम से कई सालों से देखने को मिल रही है।लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है शासन – प्रशासन कुंभकर्णी नींद सोई हुई है। इससे पहले भी कई बार हड़ताल हुआ है।पिछले बार के हड़ताल में 20 महिलाएं पुरुष को पुलिस वहां से उठाकर थाना ले गई थी। उनका कहना है,कि क्या पुलिस बड़े आदमी के लिए काम करती है, गरीबों का कोई मतलब नहीं,पुलिस मात्र गरीबों को डराने,धमकाने के लिए है, गरीबों को परेशान करते हैं क्या यही काम है पुलिस का पुलिस पब्लिक के सुरक्षा के लिए बनी है। नहीं पैसे वाले के लिए भारत देश में हर नागरिक स्वतंत्र है और अपने मांगों को लेकर हड़ताल कर सकते हैं आपको बता दें दीपका/गेवरा/ कुसमुंडा/मानिकपुर सभी प्रभावित क्षेत्र के लोग भारी परेशान है।एस ई सी एल की इस लाचारी व्यवस्था से प्रभावित रोड में आ गए हैं। उन्हें उनका अधिकार से वंचित किया जा रहा है,उनका अधिकार दूसरे को दिया जा रहा है। उनके नाम की नौकरी दूसरे कर रहे हैं। और कई फर्जी अधिकारी – कर्मचारी जिन्होंने उन्हें गुमराह करके उनके जगह पर दूसरे को नौकरी में लगाएं हैं।जिसकी पुरी जाँच पड़ताल किया जाए, जो पात्र है उन्हें नौकरी दिया जाए।अगर दीपका/गेवरा/कुसमुंडा एशिया का नंबर वन खदान है, तो यहां के काम नंबर वन क्यों नहीं है प्रभावितों ने लगातार अपने मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।आपको बता दें,कि इस लचर व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है उनका कहना है इस बार जब तक हमारी मांगे पुरी नही होती तब तक हम यहाँ से नही उठेंगे,प्रभावित क्षेत्रों के मुआवजा को लेकर भी लगातार देखने को मिल रहा है,ग्रामीणों का कहना है कि हमें 100% सॉल्यूशन के साथ मुआवजा चाहिए। लेकिन एस ई सी एल के द्वारा के द्वारा हमें 60% कटौती करके 40%मुआवजा देने के लिए एस ई सी एल के द्वारा बोला जा रहा हैं। क्या शासन प्रशासन द्वारा यह नियम बनाया गया है की प्रभावितों को 60% कटौती करके 40% दिया जाए। अगर शासन प्रशासन यह नियम बनाया है तो यह हमारे साथ नाइंसाफी है हमने अपने खुद के जमीन में घर बनाया है लेकिन एस ई सी एल हमारे मुआवजा में भी 60% कटौती कर रहा जिससे हम असंतुष्ट हैं। आपको बता दें यह महिलाएं लगातार अपने मांगों को लेकर हड़ताल करते आ रहे हैं। इनका कहना है कि हमें अभी तक हमारा हक नहीं दिया गया है,जिसके वजह से हम परेशान होकर अपनी साड़ी उतारकर यहां प्रदर्शन कर रहे हैं एक अधिकारी ने आकर बोला कि तुम लोग यहां से उठ जाओ और मेरे हवेली में आ जाओ क्या एस ई सी एल के अधिकारियों को शर्म नहीं है। छत्तीसगढ़ के महिलाएं अगर शांत रहती हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह कुछ नहीं जानते महिलाओं ने बताया की इन अधिकारियोंं के गलत नजर भी हमारे आबरू के ऊपर पड़ रही है। हम मजबूर है, किंतू धरना प्रदर्शन के दौरान अप्रिय धटना घटित होगी उसका सम्पूर्ण जवाबदार शासन – प्रशासन SECL कुसमुंडा एवं मुख्यालय बिलासपुर का होगा ।
Subscribe to Updates
Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.