REPORTER MR PRADEEP RAO S.N INDIA NEWS EDITOR IN CHEAF
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “चावल उत्सव” के तहत हितग्राहियों को एक साथ तीन माह का राशन वितरण किया जा रहा है, लेकिन कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में यह योजना अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई है। कई पंचायतों में अब तक सभी हितग्राहियों को पूर्ण मात्रा में चावल नहीं मिल पाया है, जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।स्थानीय उचित मूल्य दुकानों के संचालकों और हितग्राहियों ने बताया कि नान (छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम) गोदाम से समय पर चावल नहीं भेजा जा रहा, जिससे राशन वितरण प्रभावित हो रहा है। अधिकांश दुकानों में स्टॉक न होने के कारण हितग्राही खाली हाथ लौट रहे हैं। जानकारी के अनुसार, बीते माह सभी राशन दुकानों में पुरानी मशीनों को बदलकर नई मशीनें लगाई गईं थीं, जिसके चलते शासन ने अंतिम वितरण तिथि 7 जुलाई तक बढ़ाई थी। इसके बावजूद वितरण अधूरा है। संपर्क करने पर सोसाइटी संघ अध्यक्ष कुमारी चंद्रकला पोर्ते ने बताया कि राशन वितरण में सबसे बड़ी बाधा ट्रांसपोर्टर की लापरवाही है। ट्रांसपोर्टर राहुल के पास पर्याप्त वाहन नहीं हैं और न ही चावल उतारने के लिए हमाल (मजदूर) की व्यवस्था है। दुकानदारों को खुद मजदूरों की तलाश कर चावल उतरवाना पड़ रहा है, जिससे वितरण में देरी हो रही है।स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि बारिश के कारण भी चावल की ढुलाई प्रभावित हुई है। कुछ स्थानों पर ट्रक में रखा चावल चोरी हो जाने की शिकायतें भी सामने आई हैं। इससे कई पंचायतों में केवल दो माह का राशन ही वितरित हो सका है। जनता का कहना है कि शासन की मंशा अच्छी है लेकिन नान गोदाम, ट्रांसपोर्टर और प्रशासनिक अमले की लापरवाही से यह योजना ज़मीन पर दम तोड़ रही है। सवाल यह भी है कि जब ट्रांसपोर्टर के पास संसाधन नहीं हैं, तो उसे जिम्मेदारी क्यों सौंपी गई? और जिला प्रशासन इस पूरे मामले पर चुप क्यों है? अब देखना होगा कि शासन इस गड़बड़ी पर क्या कार्रवाई करता है और कब तक हितग्राहियों को उनका पूरा हक मिल पाता है। फिलहाल “चावल उत्सव” जरूरतमंदों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।