SN India News की रिपोर्ट
लेमरू के बच्चों को अब मिलेगा नियमित मध्याह्न भोजन की शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान
सरकारी स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन मिलना उनका हक है, लेकिन लेमरू गांव के प्राथमिक विद्यालय में हालात इतने खराब हो गए थे कि स्कूल के प्रधानपाठक को बच्चों का पेट भरने के लिए उधारी में चावल लाना पड़ा। इस मामले को न्यूज ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और जिम्मेदार अधिकारी को नोटरी जारी किया गया।
ग्राम लेमरू स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में करीब 40 बच्चे अध्ययनरत हैं। विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना के तहत अनाज की आपूर्ति नहीं की जा रही थी। ऐसी स्थिति में प्रधानपाठक चन्द्रलाल शांडिल्य ने बच्चों को भूखा न रहने देने की ठान ली और स्थानीय दुकानदार से उधारी में चावल लाकर भोजन तैयार करवाया। उन्होंने इस समस्या को बार-बार संकुल प्रभारी और शिक्षा विभाग के संज्ञान में लाने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई।
आखिरकार जब न्यूज पर यह खबर प्रमुखता से दिखाई गई तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद टूटी। विभाग ने तत्काल संकुल प्रभारी को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही, अनाज वितरण में हुई लापरवाही और सोसायटी की जिम्मेदारी भी उजागर हो गई है।
अधिकारियों का कहना है कि अब बच्चों के लिए नियमित रूप से अनाज उपलब्ध कराया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मध्याह्न भोजन योजना में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गांव के लोगों ने प्रधानपाठक शांडिल्य की सराहना की है, जिन्होंने मुश्किल हालात में भी बच्चों की पढ़ाई और पोषण से समझौता नहीं होने दिया। वहीं, स्थानीय अभिभावकों ने आभार व्यक्त किया, जिसकी वजह से यह समस्या सामने आई और विभागीय अमला सक्रिय हुआ।