कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:- छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में बेहतर पढ़ाई- लिखाई के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का महत्त्वकांक्षी प्रोजेक्ट युक्तियुक्तकरण, इसका उद्देश्य जिन स्कूलों में शिक्षक नही है या कम शिक्षक है, वहां पर सरप्लस शिक्षकों की नियुक्ति करना है।।शिक्षक संगठनों के विरोध के बाद भी सरकार इस प्रक्रिया से पीछे नही हटी, किंतु युक्तियुक्तकरण की इस प्रक्रिया पर जिले के पोड़ी उपरोड़ा बीईओ पलीता लगाने पर तुले हुए है और शिक्षाधिकारी ने इसे कमाई का जरिया बना युक्तियुक्तकरण शिक्षकों के संलग्नीकरण का खेला किया है।
राज्य शासन का उद्देश्य कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना और सभी स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, जिससे कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन न रहे। इसके लिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में ऐसे स्कूल जहां अधिक शिक्षक पदस्थ है उन्हें शिक्षकों की कमी वाले अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाना तय किया गया है, ताकि हर स्कूलों में शिक्षकों की उचित संख्या सुनिश्चित की जा सके, साथ ही छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। लेकिन शासन- प्रशासन के इस नियम का पोड़ी उपरोड़ा बीईओ के. राजेश्वर दयाल बंटाधार करने में लगे हुए है और जहां स्थानांतरण नियमों के अनुसार नही, बल्कि व्यक्तिगत पसंद के आधार पर युक्तियुक्तकरण में प्रभावित शिक्षकों को उनकी मनचाही जगह संलग्न कर दिए है। जो इस प्रक्रिया के दुरुपयोग और निजी स्वार्थ सिद्धि की ओर इशारा करता है। शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो युक्तियुक्तकरण के तहत प्रिया नागवंशी (सहायक शिक्षक) को प्राथमिक शाला केन्दहाडांड़ पदस्थ किया गया था, जिसे तुमान स्थित कन्या छात्रावास में संलग्न कर अधीक्षिका के पद पर प्रभार दे दिया गया। वहीं श्रीमती लक्ष्मी सिदार प्रधान पाठक को कन्या आश्रम हरदीबाजार से प्राथमिक शाला खुर्रुभांठा में पदस्थ किया गया, जिसे निर्धारित जगह पर ज्वाइनिंग लेने के एक दिन बाद ही पुनः पूर्व पदस्थ स्थान पर भेज दिया गया। इसी तरह प्राथमिक शाला नानलेपरा में पदस्थ स्वर्णलता भारती, जिन्हें प्राथमिक शाला नदियापार, संकुल सलिहाभांठा भेजा गया था, उसे पोड़ी उपरोड़ा कन्या छात्रावास में अधीक्षिका के पद पर संलग्न कर दिया गया। युक्तियुक्तकरण में प्रभावित ऐसे अनेको शिक्षक- शिक्षिका को उनके मनचाहे जगह पर संलग्न करने का खेल खण्ड शिक्षाधिकारी के.आर. दयाल द्वारा खेला गया है और बकायदा कई को संलग्नीकरण के लिखित आदेश जारी किए गए है, जो एक तरह से शासन की इस नीति को चुनौती देने के बराबर है। ऐसे में बीईओ के इस करतूत ने शिक्षकों का निष्पक्ष युक्तियुक्तकरण, शिक्षा हित व छात्रों को शिक्षण लाभ मिलने की दिशा में ग्रहण की स्थिति निर्मित कर दिया है। इस विषय पर प्रतिक्रिया जानने बीईओ के. राजेश्वर दयाल से उनके मोबाइल नम्बर क्रमांक- 78986- 78554 पर संपर्क साधा गया, किन्तु उनसे संपर्क न हो पाने के कारण उनकी प्रतिक्रिया नही मिल पाई। बहरहाल जिला प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई की आवश्यकता है।