कोरबा। जिले के ग्राम पंचायत सतरंगा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान में चना वितरण को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। दुकान संचालक धनंजय पर गरीब हितग्राहियों के हिस्से का चना नहीं देने और रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले को लेकर गांव में आक्रोश व्याप्त है और ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल जांच की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
ग्रामीणों का आरोप है कि मार्च माह में उन्हें प्रति राशनकार्डधारी केवल 4 पैकेट चना ही दिया गया, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में 10 पैकेट वितरण दिखाया गया है। यानी हर हितग्राही के हिस्से के 6 पैकेट चना का गबन कर लिया गया। इससे यह स्पष्ट है कि सरकारी योजना के तहत मिलने वाला राशन न केवल हितग्राहियों तक नहीं पहुंचा, बल्कि उसका दुरुपयोग भी किया गया।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
गांव के लोगों ने इस फर्जीवाड़े को लेकर दुकान के खिलाफ विरोध जताया है और जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने ऐसे मामलों में सख्ती नहीं दिखाई तो सरकारी योजनाओं की साख पर सवाल उठना लाज़िमी है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले रायगढ़ जिले में एक राशन दुकान संचालक पर 18 क्विंटल चना का गबन करने का आरोप लग चुका है। जांच में सामने आया कि उसने हितग्राहियों को चना वितरण ही नहीं किया था। इसी तरह बिलासपुर में एक दुकान संचालक ने 11 लाख रुपये का राशन घोटाला किया था, जिसकी जांच में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थीं।