रिपोर्टर गौतम कुमार राज पाली ब्लॉक
माखनपुर, हाई स्कूल माखनपुर में बन रहे आत्मानद स्कूल चढ़ा भाजपा शासन की की राजनिति का चंगुल में इनको राजनीति ही करनी है तो जनहित का उपयोग क्यों करते हैं आप सब को नहीं लगता की आने वाले भविष्यों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं अगर नहीं बनानी है तो इस प्रकार का स्कूल का सौंदर्य का कचड़ा करने का क्या फायदा आज कई साल हो चुका पता नहीं भाजपा शासन काल में कहा गरी खेल कर फंसा रखे हैं लगता हैं कि राजनीति हमारे पड़ोसी जगह से पैदा हुई हैं इनको लगता हैं कि माखनपुर में आत्मानंद स्कूल देने का क्या मतलब आखिर कार पाली में है ही इस से माखनपुर का नाम ऊपर चला जाएगा फिर भाजपा नेता होने का कोई फायदा नहीं होगा आज कायरता और राजनीतिक कहानी ने आत्मानंद स्कूल माखनपुर को बलि का बकरा बना रखा है नहीं बनाना था तो आम जनता को आने वाले भविष्यों को बच्चों को उकसा कर बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा है आज खबर के माध्यम से सरकार तक पहुंचiने की अपील ग्राम पंचायत
माखनपुर के जनता ने मन में इस बार ठान ली है कि भाजपा शासन काल में खाली वादे होते हैं काम नहीं इस बार आत्मानंद स्कूल नहीं तो वोट नहीं आम जनता ने इस बार मन बना ली है कि भाजपा शासन से खुश नहीं हैं, आज अनेकों ग्राम पंचायत हैं जहां बहुत सारी समस्याएं हैं कही स्कूल की जर्जरता तो कही बारिश के कारण सीज होना बच्चे स्कूलों में कच्चे जगह पर बैठ कर पढ़ने मजबूर और भाजपा सरकार कहती हैं कि राज्य में हर स्कूल की जर्जरता को हम ने सुधार कर दी हैं कहा का सुधार दिख रही हैं आज भी वही कांग्रेस शासन काल में बने सरकारी सुविधाओं से जुड़े बने काम आ रही हैं हम अगर दिखाना चाहें तो पाली ब्लाक अंतर्गत एवम् जिले के हर एक स्कूल बच्चो की सुरक्षा में अनहोनी का इंतजार करते नजर आ रही हैं इस, प्रकार की घटना के बारे में सरकार को भी पता हैं लेकिन संज्ञान क्यू नहीं लिया जा रहा है क्या भाजपा की,सरकार किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रही हैं भारत सरकार कहती हैं कि हर घर सड़क हर घर पानी बिजली पहुंचा दिए कहा का पहुंचा है आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में पहाड़ी वनांचल क्षेत्रों में किसी को सांप डस ले या तबियत खराब हो जाती है या फिर गर्ववती को सरकारी अस्पताल पहुंचाने के लिए कोसो दूर तक कांधे में ,,,,,,, ख।ट मे लेकर आने मजबूर हैं और राज्य सरकार कहती है कि हर घर जाने वाली सड़क बिजल पानी पहुंचाने में भाजपा सरकार आगे हैं आज इनकी वादे एक किताब की पन्ने में कहानी लगती हैं जो देखने और पढ़ने में हकीकत लगती हैं लेकिन झाक कर देखो तो खोखला वादे की कहानी छुपी हुई हैं जो जमीनी हकीकत पर कड़वा

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