POSTED BY MR PRADEEP S.N INDIA NEWS EDITOR IN CHEAF 

कोरबा के श्रद्धालुजनों की आस्था का प्रतीक श्याम मंदिर इस समय विवादों के केंद्र में है। मंदिर की संचालन समिति को लेकर जारी विवाद अब एक निर्णायक मोड़ पर आ गया है, जहां गोपाल अग्रवाल (सी.ए.) का अध्यक्ष पद पर किया गया चुनाव निरस्त कर दिया गया है।

🔍 विवाद की शुरुआत:

2 जून 2025 को फर्म्स एंड सोसायटी, रायपुर के एक आदेश के हवाले से कुछ व्यक्तियों ने स्वयं को “अधिकृत पदेन सदस्य” घोषित किया और खुद ही चुनाव अधिकारी बनाकर 10 जुलाई 2025 को चुनाव करा डाला, जिसमें गोपाल अग्रवाल को अध्यक्ष घोषित किया गया।

हालांकि, समिति के अन्य जिम्मेदार सदस्यों ने इसे फर्जी, अवैध और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित प्रक्रिया करार दिया।

✅ कानूनी मोर्चे पर करारी चोट:

29 जुलाई 2025 को सहायक पंजीयक, फर्म्स एवं संस्थाएं, बिलासपुर संभाग ने इस पूरे चुनाव को “अवैधानिक एवं अमान्य” घोषित कर दिया। आदेश में कहा गया कि यह चुनाव किसी वैध प्रक्रिया या मान्यता के तहत नहीं कराया गया है।

 

इस फैसले के साथ ही गोपाल अग्रवाल अब किसी भी पद पर अधिकृत नहीं माने जाएंगे।

🏛️ गरिमा पर सवाल:

चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस चुनाव की वैधता ही संदिग्ध थी, उसमें समाज के प्रतिष्ठित और गरिमामय पदों पर बैठे लोगों को चुनाव अधिकारी बनाया गया। संस्था के वरिष्ठ सदस्य कहते हैं:

“ऐसे जिम्मेदार व्यक्तियों को अनाधिकृत चुनाव का हिस्सा बनने से पहले दस बार सोचना चाहिए था। यह पूरी प्रक्रिया नियमों की अनदेखी और निजी स्वार्थ से प्रेरित थी।”

इसी चुनाव में जो फर्जी करवाया जा रहा था गिनती चल रही थी जिसमें मनीष जायसवाल ने आवाज उठाई थी उनको श्याम मंदिर से हटाया गया था जिसका समाचार पहले डाला गया था। मनीष जायसवाल का कहना है शक्ति में ही भक्ति है फैसला श्याम बाबा का है श्याम बाबा का आशीर्वाद सबको मिलता रहे धन्यवाद,,,,

🕉️ आस्था की जीत:

प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भावुक होकर कहा:

“बाबा श्याम सब देख रहे हैं। उनकी लाठी में आवाज नहीं होती, पर असर जरूर होता है। आज जो हुआ, वो उसी दिव्य न्याय का परिणाम है।”

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