जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है।
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सत्यपाल मलिक का राजनीतिक करियर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं, जिनमें जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि 5 अगस्त 2019 को राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समय वही वहां के राज्यपाल थे।
उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था और उन्होंने एक छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वह कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। सत्यपाल मलिक को एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने निडर होकर अपनी राय रखी और जनहित के मुद्दों को उठाया।