बिलासपुर/कोरबा, 11 जून 2025 बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में कोरबा के रजगामार निवासी वेदाराम पटेल, जो कि SECL के रिटायर्ड कर्मचारी हैं, के इलाज को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि मरीज की तबीयत में सुधार के बावजूद डॉक्टरों की लापरवाही और दवा के ओवरडोज के चलते उनकी स्थिति दोबारा बिगड़ गई।

वेदाराम पटेल को 31 मई को तबीयत बिगड़ने पर परिजन अपोलो अस्पताल, बिलासपुर लेकर पहुंचे थे। जांच के बाद उन्हें किडनी की बीमारी बताई गई और डायलिसिस के लिए भर्ती किया गया। मरीज के बेटे राजकुमार पटेल ने बताया कि शनिवार को डायलिसिस के बाद उनके पिता की तबीयत में सुधार हुआ था और वे रिकवर हो रहे थे। इसके बाद सोमवार और मंगलवार को भी डायलिसिस की गई, जिसके बाद वे सामान्य हो गए थे।

परिजनों का आरोप है कि तबीयत में सुधार के बावजूद डॉक्टरों ने एक नई समस्या – हाथ में स्थूला (सूजन या गांठ) – के इलाज में लापरवाही बरती। इस दौरान मरीज को दवाओं का ओवरडोज दिया गया, जिससे उनकी हालत अचानक बिगड़ गई। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि अपोलो अस्पताल के डॉक्टर मरीज पर “प्रैक्टिस” कर रहे हैं और उचित देखभाल नहीं कर रहे हैं।

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