कोरबा, 16 जून 2025।कोरबा शहर में नगर निगम की एकपक्षीय कार्रवाई ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टीपी नगर निवासी 76 वर्षीय बुजुर्ग पी.एन. राय और उनकी पत्नी शिप्रा राय के घर पर बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के नगर निगम ने बुलडोजर चला दिया। यह मामला उस समय और गंभीर हो गया जब यह सामने आया कि संपत्ति विवाद न्यायालय में विचाराधीन है, बावजूद इसके निगम ने दीवारें, शेड और सीसीटीवी कैमरे तक तोड़ डाले।

पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने कई बार अधिकारियों को निवेदन किया कि मामला कोर्ट में लंबित है, इसलिए किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ गैरकानूनी होगी। लेकिन निगम अधिकारियों ने कोई आदेश पत्र नहीं दिखाया और कथित रूप से कहा कि “कलेक्टर के आदेश” से यह कार्रवाई हो रही है।

मानवाधिकार हनन और प्रशासनिक मनमानी का आरोप
राय दंपति ने इस कार्रवाई को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में उनके घर का सामान भी क्षतिग्रस्त हुआ और उन्हें गहरा मानसिक आघात पहुंचा है। वहीं, सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए नगर निगम अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

कोरबा में अतिक्रमण पर selective कार्रवाई, नगर निगम की निष्पक्षता पर जनता का सवाल

कोरबा शहर में अवैध अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन नगर निगम की कार्यशैली पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताई जा रही है।

पुराना बस स्टैंड, सर्व मंगला रोड, ट्रांसपोर्ट नगर, दरी रोड, निहारिका, सीतामढ़ी, मुड़ापार जैसे इलाकों में फुटपाथ और सड़कों पर कब्जा आम हो गया है, परंतु इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

जनता का आरोप है कि निगम की बुलडोजर कार्रवाई केवल कमजोर या बिना राजनीतिक रसूख वालों पर होती है, जबकि बड़े व्यापारियों और नेताओं के करीबी अतिक्रमणकारियों को बख्श दिया जाता है।

ट्रैफिक विभाग भी लाचार

अवैध पार्किंग और अतिक्रमण की वजह से शहर में अक्सर ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं हो रही हैं। ट्रैफिक पुलिस अधिकारी राजनीतिक दबाव की वजह से ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे।

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