Posted on 14/05/2025 by Yogesh Saluja_

कोरबा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में फर्जीवाड़ा व अधिकार से बाहर जाकर काम करने वाले कार्यक्रम अधिकारी(PO) एम आर कर्मवीर को कलेक्टर ने बर्खास्त कर दिया है। उसके विरुद्ध चल रही विभागीय जांच उपरांत मांगे गए जवाब को संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर उक्त सख्त कार्रवाई की गई है।कलेक्टर की इस कार्रवाई से उन लोगों में हड़कंप मच गई है जो भ्रष्ट आचरण वर्षों से अपनाते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम देते आ रहे हैं कि कहीं उनकी भी जांच ना बैठ जाए।
जानकारी के मुताबिक श्री कर्मवीर ने इस पूरे फर्जीवाड़ा को तब अंजाम दिया था जब वह विगत कई वर्षों से पोड़ी उपरोड़ा जनपद कार्यालय में पदस्थ रहकर मनरेगा के कार्यों में घालमेल करते रहे। उनके कार्यों को लेकर कई तरह की शिकायतें रहीं। पोड़ी उपरोड़ा जनपद में पदस्थ तत्कालीन CEO भुनेश्वर सिंह राज जो अभी डीएमएफ घोटाला के मामले में सलाखों के पीछे हैं, इनकी पदस्थापना के दौरान कर्मवीर ने काफी गुल खिलाए व आर्थिक अनियमितता को अंजाम दिया। जनपद CEO और PO के संयुक्त हस्ताक्षर से मनरेगा की राशि जारी हुआ करती थी। इस बीच जब CEO भुवनेश्वर राज का तबादला हो गया और उनके स्थान पर राधेश्याम मिर्झा पोड़ी उपरोड़ा के CEO बनाकर भेजे गए, तब मिर्झा के कार्यकाल में PO कर्मवीर के द्वारा तबादला हो चुके भुनेश्वर राज के डीएससी अर्थात डिजिटल सिग्नेचर और अपने हस्ताक्षर का इस्तेमाल करते हुए मनरेगा की राशि जारी की गई। इसकी जानकारी जब मिर्झा को हुई और उनकी पदस्थापना अवधि में पूर्व सीईओ राज के डिजिटल हस्ताक्षर से मनरेगा की राशि
जारी की गई। इसकी जानकारी जब मिर्झा को हुई और उनकी पदस्थापना अवधि में पूर्व सीईओ राज के डिजिटल हस्ताक्षर से मनरेगा की राशि जारी कराए जाने का पता चला तो उन्होंने इस पर जांच बैठा दी। कर्मवीर ने CEO से दूरी बनाने के लिए अपना तबादला पोड़ी से कटघोरा करा लिया लेकिन विभाग की जांच जारी रही। जांच कमेटी ने कर्मवीर के कर्मों का लेखा-जोखा खोल कर रख दिया और लाखों रुपए की गड़बड़ी उजागर हुई। इस मामले में जांच उपरांत प्रतिवेदन के आधार पर PO कर्मवीर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।दो बार पत्र जारी कर जवाब मांगे गए और दोनों बार दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। अंततः कर्मवीर को उनके भ्रष्ट कर्मों की सजा मिल ही गई।

0 बिना अनुशंसा 4 करोड़ से अधिक का भुगतान

जॉच टीम ने पाया कि एम.आर. करमवीर द्वारा 12 सितम्बर 2022 से 07 नवम्बर 2022 तक भुनेश्वर राज के डीएससी का उपयोग CEO श्री मिर्झा एवं श्री राज दोनों के बिना संज्ञान में लाये हुए मजदूरी मद में 4 करोड़ 20 लाख 49 हजार 571 रुपए सामग्री मद में 9 लाख 84 हजार 320 रुपये प्रशासकीय मद (वेतन व कार्यालयीन व्यय) में 33 लाख 04 हजार 548 रुपए एवं अर्द्धकुशल मजदूरी मद में रूपये 7 लाख 11 हजार 046 रुपए का भुगतान किया गया है। जिसमें से मजदूरी मद के रूपये 4 करोड़ 20 लाख 49 हजार 571 का भुगतान बिना नस्ती के संधारण किये एवं CEO से बिना अनुशंसा के किया गया है। वित्तीय अनियमितता पर करमवीर को छ.ग. संविदा नियुक्ति नियम 2012 के बिन्दू क्र. 11 के कण्डिका (5) के तहत् एक माह का वेतन देते हुए, पद से पृथक किया गया है.

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