कोरबा। शहर में अतिक्रमण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। फुटपाथ, नालियों और सड़क किनारे जगह-जगह ठेले, गुमटियां और चबूतरे बना लिए गए हैं। इसका सीधा असर न केवल यातायात पर पड़ रहा है, बल्कि साफ-सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई है।

नगर निगम क्षेत्र में सड़कों के किनारे बनी नालियों पर चबूतरे बना दिए गए हैं, जिससे बारिश के दौरान नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। इससे सड़कें गंदी होने के साथ ही दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।

अतिक्रमण का फैलता दायरा

जानकारी के अनुसार, कोरबा नगर निगम क्षेत्र में करीब 800 से अधिक लोगों ने फुटपाथों पर कब्जा कर लिया है। प्रतिदिन नए ठेले और गुमटियां सड़कों पर नजर आ रही हैं। पुराना बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन मार्ग और सीतामढ़ी क्षेत्र अतिक्रमण के मुख्य केंद्र बन गए हैं।

पुराने बस स्टैंड के पास कई लोग तंबू तानकर स्थायी रूप से दुकानें चला रहे हैं। वहीं, रेलवे स्टेशन मार्ग पर अतिक्रमण के चलते कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं, क्योंकि बड़े वाहनों को साइड देने तक की जगह नहीं बचती।

बिल्डिंग मटेरियल और मलबा भी बना समस्या

न केवल ठेले और गुमटियां, बल्कि लोग सड़क पर ही बिल्डिंग मटेरियल और मलबा डाल रहे हैं, जिससे सड़कों की हालत और खराब हो रही है। नगर निगम ने इस पर सख्ती दिखाते हुए व्यवसायियों और अस्पतालों पर जुर्माना लगाया है। एक हार्डवेयर गोदाम को सील भी किया गया है।

गीतांजलि भवन में संरचना से छेड़छाड़

गीतांजलि भवन, जो कि वर्ष 1983 में बनाया गया था, अब विवादों में है। यहां नीचे की दुकानों में बिना अनुमति के स्ट्रक्चरल बदलाव कर दिए गए हैं। दुकानदारों ने 3-4 दुकानों को मिलाकर दीवारें तोड़ दी हैं, जिससे भवन की संरचनात्मक मजबूती पर खतरा मंडरा रहा है।

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